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वह कौन सी चीज़ है जिसे आप जितना ही लूटते हैं, उतनी ही बढ़ती है?
ज्ञान
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हरी है उसकी काया, लाल मकान में, काला शैतान समाया।
तरबूज़
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हरे हरे से है दिखे पक्के हो या कच्चे, भीतर से यह लाल मलाई जैसे ठंडे मीठे लच्छे।
तरबूज
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ऐसा क्या है जिसे जितना ही आप निकालते हैं, उतना ही बढ़ता जाता है?
गड्ढा
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हाथ आए तो सौ काटे, जब थके तो पत्थर चाटे।
चाकू
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नाक पर चढ़कर कान पकड़कर, लोगों को है पढ़ाती।
चश्मा
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पूंछ कटे तो सीता, सिर कटे तो मित्र, मध्य कटे तो खोपड़ी, पहेली बड़ी विचित्र
सियार
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बिन खाए, बिन पिए, सबके घर में रहता हूँ । ना हँसता हूँ, ना रोता हूँ, घर की रखवाली करता हूँ।
ताला
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सबके ही घर ये जाये, तीन अक्षर का नाम बताए। शुरु के दो अति हो जाये, अंतिम दो से तिथि बन जाये ॥
अतिथि
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ऐसी क्या चीज है,जो जून में होती है दिसंबर में नहीं, आग में होती है लेकिन पानी में नहीं।
गर्मी
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11 / 20
एक महल में चालीस चोर। मुंह काला, पूंछ सफेद।
माचिस
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वह कौन सी चीज़ है जो आग में जलती नहीं है और पानी में डूबती नहीं है?
परछाई
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13 / 20
काला घोडा सफ़ेद की सवारी, एक उतरा तो दूसरे की बरी ॥
तवा और रोटी
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14 / 20
छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता, रोज दही की नदी में नहाता |
दहीबड़ा
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15 / 20
चौकी पर बैठी एक रानी, सिर पर आग बदन में पानी।
मोमबत्ती
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16 / 20
लंबा तन और बदन है गोल, मीठे रहते मेरे बोल, तन पे मेरे होते छेद, भाषा का मैं न करूँ भेद ॥
बांसुरी
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17 / 20
बिना पंखों के उड़ता हूँ, बिना आवाज़ के बोलता हूँ, बताओ मैं कौन हूँ?
बादल
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18 / 20
चार टाँग की हूँ एक नारी, छलनी सम मेरे छेद । पीड़ित को आराम मैं देती, बतलाओ भैया यह भेद ।
चारपाई
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वह कौन सी चीज़ है जो खुद तो गंदी होती है, पर सबकी सफाई करती है?
झाड़ू
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एक साथ आए दो भाई, बिन उनके दूर शहनाई । पीटो तब वह देते संगत, फिर आए महफ़िल में रंगत
तबला
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